मुग़लों के लिए, अंग्रेजों के लिए भारत ... हमेशा ही आक्रमण का सबसे पसंदीदा क्षेत्र क्यों?

2011 में जब पधनाभ मंदिर का गुप्त दरवाजा खुला तब पता चला कि मुग़लों के लिए, अंग्रेजों के लिए भारत ... हमेशा ही आक्रमण का सबसे पसंदीदा क्षेत्र क्यों रहा ... सिर्फ एक मंदिर ने ही बता दिया कि भारत "सोने की चिड़िया" किसी कहानी या मुहावरे में नहीं.. बल्कि हकीकत में थी...   दक्षिण भारत के पद्मनाभ मंदिर में छिपा था 5,00,000 करोड़ का खजाना ..जिसे गिनने में आधुनिक मशीनें और कई लोगों की टीमें लगीं।  उसी दौरान इटेलियन जहाज केरल के समुद्र तट पर क्या कर रहा था और क्यो 2 नाविकों को मारा गया इसके बारे में जानकारी नही है ।  पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के तिरुअनंतपुरम् में मौजूद भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है।  तिरुअनंतपुरम् नाम भगवान के 'अनंत' नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है। यहां पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था को 'पद्मनाभ' कहा जाता है।  मंदिर का निर्माण राजा मार्तंड ने करवाया था।  1750 में महाराज मार्तंड वर्मा ने खुद को पद्मनाभदास बताया। इसके बाद शाही परिवार ने खुद को भगवान पद्मनाभ को समर्पित कर दिया। इसी वजह से त्रावणकोर के राजाओं ने अपनी दौलत पद्मनाभ मंदिर को सौंप दी।   पद्मनाभ स्वामी मंदिर का कामकाज शाही परिवार के अधीन एक प्राइवेट ट्रस्ट चलाता आ रहा है।  2011 में अदालत के आदेश पर पांच दरवाजे खोले गए तो दुनिया दंग रह गयी थी क्योंकि हर दरवाजे के पीछे सोने चांदी हीरे और कीमती पत्थर का अंबार लगा था... यहां तो एक खम्भा ही सोने का है ... अनुमानीत कीमत करीब 22 सौ करोड़ डॉलर थी।  जब वे आखरी चेम्बर-बी पर पहुंचे तो वे उसे खोलने में नाकाम हो गए। वहां तीन दरवाजे हैं। पहला दरवाजा लोहे की झड़ों से बना दरवाजा है। दूसरा लकड़ी से बना एक भारी दरवाजा है और अंतिम दरवाजा लोहे का बना बड़ा ही मजबूत दरवाजा है जो बंद है और उसे खोला नहीं जा सकता क्योंकि उसे पर लोहे के दो नाग बने हैं और वहां चेतावनी लिखी है कि इसे खोला गया तो अंजाम बहुत बुरा होगा। इस पर न तो ताले लगे हैं और न ही कोई कुंडी। कहा जाता है कि उसे एक मंत्र से बंद किया गया है। उसे कहते हैं अष्टनाग बंधन मंत्र।  सबसे बड़ा सवाल यही है कि चेम्बर बी के दरवाजे के पीछे आखिर क्या रखा है? अपार सोना, कोई खतरनाक हथियार या कि प्राचीन भारत की कोई ऐसी टेक्नोलॉजी का राज छुपा है जिसे जानकर दुनिया हैरान रह सकती है।  Sanjay Dwivedyji द्वारा

Pandavas during their 12 years of exile.


 EDUCATION IN INDIA 


जो आपकी रक्षा करती है उससे कुछ असुविधाये भी आपको होती ही है


भगवान द्वारा धर्म का ज्ञान।।


Do anyone know How many temples are the area associated with it are getting redeveloped across Bharat 


कौन कहता है दुष्टों के मरने पर हर्षित नहीं होना चाहिये ?


मुग़लों के लिए, अंग्रेजों के लिए भारत ... हमेशा ही आक्रमण का सबसे पसंदीदा क्षेत्र क्यों?



Bali was killed by Prabhu Shri Ram: Ram Katha


2011 में जब पधनाभ मंदिर का गुप्त दरवाजा खुला तब पता चला कि मुग़लों के लिए, अंग्रेजों के लिए भारत ... हमेशा ही आक्रमण का सबसे पसंदीदा क्षेत्र क्यों रहा ... सिर्फ एक मंदिर ने ही बता दिया कि भारत "सोने की चिड़िया" किसी कहानी या मुहावरे में नहीं.. बल्कि हकीकत में थी...   दक्षिण भारत के पद्मनाभ मंदिर में छिपा था 5,00,000 करोड़ का खजाना ..जिसे गिनने में आधुनिक मशीनें और कई लोगों की टीमें लगीं।  उसी दौरान इटेलियन जहाज केरल के समुद्र तट पर क्या कर रहा था और क्यो 2 नाविकों को मारा गया इसके बारे में जानकारी नही है ।  पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के तिरुअनंतपुरम् में मौजूद भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है।  तिरुअनंतपुरम् नाम भगवान के 'अनंत' नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है। यहां पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था को 'पद्मनाभ' कहा जाता है।  मंदिर का निर्माण राजा मार्तंड ने करवाया था।  1750 में महाराज मार्तंड वर्मा ने खुद को पद्मनाभदास बताया। इसके बाद शाही परिवार ने खुद को भगवान पद्मनाभ को समर्पित कर दिया। इसी वजह से त्रावणकोर के राजाओं ने अपनी दौलत पद्मनाभ मंदिर को सौंप दी।   पद्मनाभ स्वामी मंदिर का कामकाज शाही परिवार के अधीन एक प्राइवेट ट्रस्ट चलाता आ रहा है।  2011 में अदालत के आदेश पर पांच दरवाजे खोले गए तो दुनिया दंग रह गयी थी क्योंकि हर दरवाजे के पीछे सोने चांदी हीरे और कीमती पत्थर का अंबार लगा था... यहां तो एक खम्भा ही सोने का है ... अनुमानीत कीमत करीब 22 सौ करोड़ डॉलर थी।  जब वे आखरी चेम्बर-बी पर पहुंचे तो वे उसे खोलने में नाकाम हो गए। वहां तीन दरवाजे हैं। पहला दरवाजा लोहे की झड़ों से बना दरवाजा है। दूसरा लकड़ी से बना एक भारी दरवाजा है और अंतिम दरवाजा लोहे का बना बड़ा ही मजबूत दरवाजा है जो बंद है और उसे खोला नहीं जा सकता क्योंकि उसे पर लोहे के दो नाग बने हैं और वहां चेतावनी लिखी है कि इसे खोला गया तो अंजाम बहुत बुरा होगा। इस पर न तो ताले लगे हैं और न ही कोई कुंडी। कहा जाता है कि उसे एक मंत्र से बंद किया गया है। उसे कहते हैं अष्टनाग बंधन मंत्र।  सबसे बड़ा सवाल यही है कि चेम्बर बी के दरवाजे के पीछे आखिर क्या रखा है? अपार सोना, कोई खतरनाक हथियार या कि प्राचीन भारत की कोई ऐसी टेक्नोलॉजी का राज छुपा है जिसे जानकर दुनिया हैरान रह सकती है।  Sanjay Dwivedyji द्वारा

 2011 में जब पधनाभ मंदिर का गुप्त दरवाजा खुला तब पता चला कि मुग़लों के लिए, अंग्रेजों के लिए भारत ... हमेशा ही आक्रमण का सबसे पसंदीदा क्षेत्र क्यों रहा ... सिर्फ एक मंदिर ने ही बता दिया कि भारत "सोने की चिड़िया" किसी कहानी या मुहावरे में नहीं.. बल्कि हकीकत में थी...  

दक्षिण भारत के पद्मनाभ मंदिर में छिपा था 5,00,000 करोड़ का खजाना ..जिसे गिनने में आधुनिक मशीनें और कई लोगों की टीमें लगीं।


उसी दौरान इटेलियन जहाज केरल के समुद्र तट पर क्या कर रहा था और क्यो 2 नाविकों को मारा गया इसके बारे में जानकारी नही है ।


पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के तिरुअनंतपुरम् में मौजूद भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है।


तिरुअनंतपुरम् नाम भगवान के 'अनंत' नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है। यहां पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था को 'पद्मनाभ' कहा जाता है।


मंदिर का निर्माण राजा मार्तंड ने करवाया था।


1750 में महाराज मार्तंड वर्मा ने खुद को पद्मनाभदास बताया। इसके बाद शाही परिवार ने खुद को भगवान पद्मनाभ को समर्पित कर दिया। इसी वजह से त्रावणकोर के राजाओं ने अपनी दौलत पद्मनाभ मंदिर को सौंप दी।  

पद्मनाभ स्वामी मंदिर का कामकाज शाही परिवार के अधीन एक प्राइवेट ट्रस्ट चलाता आ रहा है।


2011 में अदालत के आदेश पर पांच दरवाजे खोले गए तो दुनिया दंग रह गयी थी क्योंकि हर दरवाजे के पीछे सोने चांदी हीरे और कीमती पत्थर का अंबार लगा था... यहां तो एक खम्भा ही सोने का है ... अनुमानीत कीमत करीब 22 सौ करोड़ डॉलर थी।


जब वे आखरी चेम्बर-बी पर पहुंचे तो वे उसे खोलने में नाकाम हो गए। वहां तीन दरवाजे हैं। पहला दरवाजा लोहे की झड़ों से बना दरवाजा है। दूसरा लकड़ी से बना एक भारी दरवाजा है और अंतिम दरवाजा लोहे का बना बड़ा ही मजबूत दरवाजा है जो बंद है और उसे खोला नहीं जा सकता क्योंकि उसे पर लोहे के दो नाग बने हैं और वहां चेतावनी लिखी है कि इसे खोला गया तो अंजाम बहुत बुरा होगा। इस पर न तो ताले लगे हैं और न ही कोई कुंडी। कहा जाता है कि उसे एक मंत्र से बंद किया गया है। उसे कहते हैं अष्टनाग बंधन मंत्र।


सबसे बड़ा सवाल यही है कि चेम्बर बी के दरवाजे के पीछे आखिर क्या रखा है? अपार सोना, कोई खतरनाक हथियार या कि प्राचीन भारत की कोई ऐसी टेक्नोलॉजी का राज छुपा है जिसे जानकर दुनिया हैरान रह सकती है।

Pandavas during their 12 years of exile.



Bali was killed by Prabhu Shri Ram: Ram Katha



What was the secret of nectar in Ravana's navel?  Tantra - a science.



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How blindfoldedly we kept trusting western culture that led us vanished.


Indian Education System..then and now: A misery A tragedy.


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