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राजा प्राचीन वहिक पुत्रों को विष्णु भगवान का वर प्राप्त होना।

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धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण तीसवाँ अध्याय [चतुर्थ स्कंध] (राजा प्राचीन वहिक पुत्रों को विष्णु भगवान का वर प्राप्त होना) दोहा-कियो प्रचेतन तप अमित, विष्णु दियो वरदान । सो तीसवें अध्याय में, समुचित कियो बखान ।। श्री शुकदेव जी बोले-हे राजा परीक्षत ! इतनी कथा के पश्चात विदुर जी ने श्री मैत्रेय ऋषि से पूछा - हे मुने ! आपने संपूर्ण कथा, और यह भी कहा कि प्रचेताओं ने शिव जी द्वारा रूद्र गीत स्तोत्र को प्राप्त कर भगवान श्री नारायण जी का जल में बैठ कर अखंड तप किया परन्तु उस तप से उन्हें मुक्ति तो अवश्य प्राप्त हुई होगी। परन्तु यह बताइये कि उन्हें पहिले इस लोक में और परलोक में क्या प्राप्त हुआ, वह सब प्रसंग मुझे कृपा कर समझाइये। विदुर जी द्वारा पूछने पर श्री मैत्रेय बोले-हे बिदुर ! वे दस प्रचेता शिव जी द्वारा रुद्र गीत को प्राप्त कर उससे ईश्वर को प्रसन्न करने के लिये