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Ram Temple: विश्व का सबसे बड़ा ताला राम मंदिर को होगा भेंट, 30 किलो की चाभी से खुलेगा।

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बुजुर्ग कपल ने राम मंदिर के लिए बनाया 10 फुट लंबा ताला, वजन है 400 Kg Ram Temple: विश्व का सबसे बड़ा ताला राम मंदिर को होगा भेंट, 30 किलो की चाभी से खुलेगा। 'आईएएनएस' की रिपोर्ट के अनुसार, कपल ने यह विशाल ताला आयोध्या में बन रहे राम मंदिर को समर्पित करने के लिए बनाया है। लगभग 2 लाख रुपये की लागत से बने इस ताले को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा, जिसपर रामदरबार की आकृति भी उकेरी गई हैं।   हाइलाइट्स • इसे बनाने में 6 महीने का समय लगा • इस ताले का वजन है 400 किलोग्राम • ताले की चाबी का वजन है 30 किलो उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ तालों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां रहने वाले एक बुजुर्ग कपल ने ऐसा ताला बनाया है जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है। कथित तौर पर अलीगढ़ ज्वालापुरी के रहने वाले सत्यप्रकाश ने अपनी पत्नी रूक्मणी के साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा ताला बनाया है, जिसकी लंबाई 10 फुट बताई जा रही है। और हां, दावा किया जा रहा है कि यह ताला 400 किलोग्राम का है जिसे 30 किलो की चाबी से खोला जाता है। 65 वर्षीय सत्यप्रकाश मजदूरी पर ताला तैयार करते हैं। उनका कहना है कि कारोबार क्ष

श्रीमद भगवद पुराण * बाईसवाँ अध्याय *[स्कंध४] ( सनकादिक का पृथु को उपदेश )

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  धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] जय माता दी जी🙏 माये नी तेरा सुनेया ऐ दिल दरिया माये नी तेरा सुनेया ऐ दिल दरिया वास्ताई साडी, हो वास्ताई साडी  वास्ताई साडी अर्जी ते गौर फरमा माये नी तेरा सुनेया ऐ दिल दरिया.....2 साडा हाल लवेंगी जे पूछ माँ तैनु फर्क पवेगा ना कुछ माँ जिदा सारेया नु पाले दुख सारेया दे टाले ओदा साडे दर्द मिटा माये नी तेरा सुनेया ऐ दिल दरिया.....2 कोई ते चारा कर एस पासे आउण दा ऐ कोई वेला नहियो मंदरा च सोउण दा जींद साडी तू रुलाई जे तू सुनी ना दुहाई तेरी ममता नु की हो गया माये नी तेरा सुनेया ऐ दिल दरिया.....2 तेरी देर नाल पै गया हनेर माँ सानु लया ऐ मुसीबतां ने घेर माँ माये निर्दोष प्यार सानु देके ईक वार बेड़ी सबदी तू डूबदी नु तार माये नी तेरा सुनेया ऐ दिल दरिया.....2 माये नी तेरा सुनेया ऐ दिल दरिया वास्ताई साडी अर्जी ते गौर फरमा माये नी तेरा सुनेया ऐ दिल दरिया जय जय माँ 👏 श्रीमद

Shree ram ki kavita, kahani (chaand ko hai ram se shikayat)

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धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] •  श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] *चाँद को भगवान् राम से यह शिकायत है कि दीपवली का त्यौहार अमावस की रात में मनाया जाता है और क्योंकि अमावस की रात में चाँद निकलता ही नहीं है इसलिए वह कभी भी दीपावली मना नहीं* *सकता। यह एक मधुर कविता है कि चाँद किस प्रकार खुद को राम के हर कार्य से जोड़ लेता है और फिर राम से शिकायत करता है* *और राम भी उस की बात से* *सहमत हो कर उसे वरदान दे* *बैठते हैं आइये देखते हैं ।*   *जब चाँद का धीरज छूट गया ।*   *वह रघुनन्दन से रूठ गया ।*   *बोला रात को आलोकित हम ही ने करा है ।*   *स्वयं शिव ने हमें अपने सिर पे धरा है ।* *तुमने भी तो उपयोग किया हमारा है ।*   *हमारी ही चांदनी में सिया को निहारा है ।*   *सीता के रूप को हम ही ने सँवारा है ।*   *चाँद के तुल्य उनका मुखड़ा निखारा है ।* *जिस वक़्त याद में सीता की ,*   *तुम चुपके - चुपके रोते थे ।*   *उस वक़्त तुम्हारे संग में बस ,

Sukh ka arth

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धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] •  श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] एक संत को अपना भव्य आश्रम बनाने के लिए धन की जरूरत पड़ी। वह अपने शिष्य को साथ लेकर धन जुटाने के लिए लोगों के पास गए। घूमते-घूमते वह एक गांव में अपनी शिष्या एक बुढ़िया की कुटिया में पहुंचे। कुटिया बहुत साधारण थी। वहां किसी तरह की सुविधा नहीं थी। फिर भी रात हो गई तो संत वहीं ठहर गए। बूढ़ी मां ने उनके लिए खाना बनाया। खाने के बाद संत के सोने के लिए मां ने एक तख्त पर दरी बिछा दी और तकिया दे दिया। खुद वह जमीन पर एक टाट बिछाकर सो गईं। थोड़ी ही देर में वह गहरी नींद सो गईं लेकिन संत को नींद नहीं आ रही थी। वह दरी पर सोने के आदी नहीं थे। अपने आश्रम में सदा मोटे गद्दे पर सोते थे। संत सोचने लगे कि जमीन पर टाट बिछा कर सोने के बावजूद इस को गहरी नींद आ गई और मुझे तख्त पर दरी के बिछोने पर भी नींद क्यों नहीं आई। मैं तो संत हूँ, सैंकड़ों का मार्गदर्शन करता हूं और यह एक साधारण

Hindu, dharmkathayein

🚩💜तुलसीदास और श्री राम मिलन!!!!!!!💜🚩 🚩💜काशी में एक जगह पर तुलसीदास रोज रामचरित मानस को गाते थे वो जगह थी अस्सीघाट। उनकी कथा को बहुत सारे भक्त सुनने आते थे। लेकिन एक बार गोस्वामी प्रातःकाल शौच करके आ रहे थे तो कोई एक प्रेत से इनका मिलन हुआ। उस प्रेत ने प्रसन्न होकर गोस्वामीजी को कहा कि मैं आपको कुछ देना चाहता हूँ। आपने जो शौच के बचे हुए जल से जो सींचन किया है मैं तृप्त हुआ हूँ। मैं आपको कुछ देना चाहता हूँ। 🚩गोस्वामीजी बोले – भैया, हमारे मन तो केवल एक ही चाह है कि ठाकुर जी का दर्शन हमें हो जाए। राम की कथा तो हमने लिख दी है, गा दी है।पर दर्शन अभी तक साक्षात् नहीं हुआ है। ह्रदय में तो होता है पर साक्षात् नहीं होता। यदि दर्शन हो जाए तो बस बड़ी कृपा होगी। 🚩उस प्रेत ने कहा कि महाराज! मैं यदि दर्शन करवा सकता तो मैं अब तक मुक्त न हो जाता? मैं खुद प्रेत योनि में पड़ा हुआ हूँ, अगर इतनी ताकत मुझमें होती कि मैं आपको दर्शन करवा देता तो मैं तो मुक्त हो गया होता अब तक। 🚩तुलसीदास जी बोले – फिर भैया हमको कुछ नहीं चाहिए। तो उस प्रेत ने कहा – सुनिए महाराज! मैं आपको दर्शन तो नहीं करवा सकता लेकिन दर्

भारत के विभिन्न जगहों में भगवान का विस्तृत पूजन विधि [भाग २]

  श्रीमद भागवद पुराण उन्नीसवाँ अध्याय * स्कंध६ भारत वर्ष का श्रेष्टत्व वर्णन दो: हो भारत देश महान है, कहुँ सकल प्रस्तार। या उन्नाव अध्याय में, वर्णित कियौ विचार।। श्री शुकदेव जी बोले-हे राजा परीक्षित! इसी प्रकार किम्पुरुष खंड में श्री रामचंद्र जी विराजमान हैं । उनके चरणों की सेवा हनुमान जी करते हैं और अनेक प्रकार से गुणों का बखान करके पूजा किया करते हैं। इसी प्रकार भारत खंड में नर नारायण भगवान देवता स्वरूप बद्रिकाश्रम में विराजमान हैं, और नारद जी इन भगवान की उपासना करते हैं । श्री शुकदेव जी परीक्षित से कहते हैं-हे राजन ! कितने एक विद्वान इस जंबू द्वीप के आठ उपखंड भी कहते हैं। उनका मत है कि जब राजा सगर के साठ हजार पुत्र यज्ञ के घोड़े को ढूंढ़ने निकले तो उन्होंने इस पृथ्वी को चारों ओर से खोदा था, सो उसके कारण यह आठ उपद्वीप हुये जिनके नाम १-स्वर्णप्रस्थ, २-चन्द्रप्रस्थ, ३-आवर्तन, ४-रमणक, ५-मंद हरिण, ६-पांचजन्य, ७-सिंहल, ८-लंका ये हैं। Also read @ https://shrimadbhagwadmahapuran.blogspot.com/2020/08/blog-post_24.html