Ram Temple: विश्व का सबसे बड़ा ताला राम मंदिर को होगा भेंट, 30 किलो की चाभी से खुलेगा।

बुजुर्ग कपल ने राम मंदिर के लिए बनाया 10 फुट लंबा ताला, वजन है 400 Kg
Ram Temple: विश्व का सबसे बड़ा ताला राम मंदिर को होगा भेंट, 30 किलो की चाभी से खुलेगा।



बुजुर्ग कपल ने राम मंदिर के लिए बनाया 10 फुट लंबा ताला, वजन है 400 Kg Ram Temple: विश्व का सबसे बड़ा ताला राम मंदिर को होगा भेंट, 30 किलो की चाभी से खुलेगा   Ram Kishor | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 10 Jan 2022, 3:52 pm   'आईएएनएस' की रिपोर्ट के अनुसार, कपल ने यह विशाल ताला आयोध्या में बन रहे राम मंदिर को समर्पित करने के लिए बनाया है। लगभग 2 लाख रुपये की लागत से बने इस ताले को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा, जिसपर रामदरबार की आकृति भी उकेरी गई हैं।       हाइलाइट्स   • इसे बनाने में 6 महीने का समय लगा   • इस ताले का वजन है 400 किलोग्राम   • ताले की चाबी का वजन है 30 किलो    उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ तालों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां रहने वाले एक बुजुर्ग कपल ने ऐसा ताला बनाया है जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है। कथित तौर पर अलीगढ़ ज्वालापुरी के रहने वाले सत्यप्रकाश ने अपनी पत्नी रूक्मणी के साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा ताला बनाया है, जिसकी लंबाई 10 फुट बताई जा रही है। और हां, दावा किया जा रहा है कि यह ताला 400 किलोग्राम का है जिसे 30 किलो की चाबी से खोला जाता है। 65 वर्षीय सत्यप्रकाश मजदूरी पर ताला तैयार करते हैं। उनका कहना है कि कारोबार क्षेत्र में तो काफी पहचान बना ली है। अब तो इस कारोबार को नई पीढ़ी उड़ान दे। अलीगढ़ की पहचान बनाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ताला बनाकर तैयार कर दिया है। छह इंच मोटाई का यह ताला लोहे का है। इसके लिए दो चाबी तैयार की गई हैं। चार फीट का ताले का कड़ा है। इस कला को बढ़ावा देने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है। अभी जो काम किया है। उसके लिए ब्याज में पैसे लेकर काम किया है। उन्होंने बताया कि यह ताला मंदिर के म्यूजियम रखा जाए।   दिल्ली की परेड में करना चाहते हैं शामिल   ताला बनाने वाले शर्मा ने कहा कि उनकी चाहत है कि 26 जनवरी को नई दिल्ली की परेड में वह इससे बड़े ताले की झांकी बनाना चाहते हैं। बस उनका यह हुनर दिल्ली में होने वाली परेड में शामिल कर लिया जाए। जिसकी उचांई 15 फिट और चौड़ाई 8 फिट की होगी। मोटाई 20 इंची होगी। इसके लिए उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार को पत्र भी लिखे। इस सिलसिले में वह उपमुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं। जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसे गिनीज बुक के रिकॉर्ड में दर्ज करवाना चाहते है।   सत्यप्रकाश की पत्नी रुक्मणी शर्मा ने भी इस ताले को बनाने में सहयोग किया है। उन्होंने भी इसकी खूबियों का बखान किया। उनका कहना है कि अयोध्या में भगवान राम का अद्भुत मंदिर बन रहा है। वहां पर यह ताला होगा तो अच्छा रहेगा। इसलिए इसे भगवान के दरबार में भेंट किया जाएगा।    2 लाख रुपये बताई जा रही है इसकी लागत   'आईएएनएस' की रिपोर्ट के अनुसार, कपल ने यह विशाल ताला आयोध्या में बन रहे राम मंदिर को समर्पित करने के लिए बनाया है। लगभग 2 लाख रुपये की लागत से बने इस ताले को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा, जिसपर रामदरबार की आकृति भी उकेरी गई हैं।   ताला बनाने के लिए ब्याज पर लिया पैसा   हमारे सहयोगी 'टाइम्स नाउ' की रिपोर्ट के मुताबिक, 6 इंच मोटाई का ये ताला लोहे का है। ताले का कड़ा 4 फीट का है। इसके लिए दो चाबी तैयार की गई हैं। 65 वर्षीय सत्यप्रकाश मजदूरी पर ताला तैयार करते हैं। उन्होंने कहा- इस कला को बढ़ावा देने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है। अभी जो काम किया है। उसके लिए ब्याज में पैसे लेकर काम किया है।   ताले में किए जाने हैं कई बदलाव   सत्यप्रकाश ने बताया कि अयोध्या भेजने से पहले इस ताले में कई बदलाव किए जाएंगे। जैसे बाक्स, लीवर, हुड़का को पीतल से तैयार किया जाएगा। ताले पर स्टील की स्क्रेप सीट लगाई जाएगी, जिससे उस पर जंग ना लगे। हालांकि, इसके लिए उन्हें और पैसे की आवश्यकता है, जिसके लिए वो लोगों से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं।   ताले की झांकी बनाना चाहते हैं सत्यप्रकाश   सत्यप्रकाश ने आगे कहा कि उनकी चाहत है कि 26 जनवरी को नई दिल्ली की परेड में वो इससे बड़े ताले की झांकी बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार को पत्र भी लिखे। इतना ही नहीं, इस सिलसिले में वह उपमुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं, और जवाब का इंतजार कर रहे हैं।   •   अलीगढ़। तालों के लिए मशहूर अलीगढ़ के सत्यप्रकाश अपनी पत्नी रूक्मणी के साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा ताला बनाया है। 30 किलो की चाभी से खुलने वाले इस ताले को अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर को दंपति द्वारा समर्पित किया जाएगा।   दो लाख वाले इस ताले पर रामदरबार की आकृति उकेरी गयी है। अलीगढ़ ज्वालापुरी निवासी सत्यप्रकाश ने बताया कि इस ताले को बनाने में करीब 6 माह का समय लगा है।   क्या ताले की खासियत   इसे बनाने में 6 महीने का समय लगा है। इस ताले का वजन चार सौ किलो है। जिसकी लम्बाई दस फिट की है और चौड़ाई साढ़े चार फिट की है। इस ताले को खोलने के लिए 30 किलो की चाबी है जिसे बनाने में कुल दो लाख का खर्च आया है। अभी एक लाख रुपए में तैयार किया गया है। मंदिर में देने से पहले सत्यप्रकाश इसमें पीतल का काम करेंगे। इससे पहले इन्होंने 300 किलो का ताला बनाया था जिसकी खूब चर्चा रही है। किए जाएंगे बदलाव   ताले को बनाने वाले सत्यप्रकाश ने बताया कि अयोध्या के लिए भेजने से पहले इस ताले में कई बदलाव किए जाएंगे। बाक्स, लीवर, हुड़का को पीतल से तैयार किया जाएगा। ताले पर स्टील की स्क्रेप सीट लगाई जाएगी। जिससे जंग न लगे। इसके लिए उन्हें और धन की अवश्यकता है। वह मदद के लिए लोगों से कह रहे हैं। जिससे उनकी इच्छा पूरी हो सके। शर्मा ने बताया कि ताला बनाने की प्रेरणा उनके घर से विरासत में मिली है।   मशहूर हैं सत्यप्रकाश


'आईएएनएस' की रिपोर्ट के अनुसार, कपल ने यह विशाल ताला आयोध्या में बन रहे राम मंदिर को समर्पित करने के लिए बनाया है। लगभग 2 लाख रुपये की लागत से बने इस ताले को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा, जिसपर रामदरबार की आकृति भी उकेरी गई हैं।


 

हाइलाइट्स


• इसे बनाने में 6 महीने का समय लगा

• इस ताले का वजन है 400 किलोग्राम

• ताले की चाबी का वजन है 30 किलो



उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ तालों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां रहने वाले एक बुजुर्ग कपल ने ऐसा ताला बनाया है जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है। कथित तौर पर अलीगढ़ ज्वालापुरी के रहने वाले सत्यप्रकाश ने अपनी पत्नी रूक्मणी के साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा ताला बनाया है, जिसकी लंबाई 10 फुट बताई जा रही है। और हां, दावा किया जा रहा है कि यह ताला 400 किलोग्राम का है जिसे 30 किलो की चाबी से खोला जाता है।
65 वर्षीय सत्यप्रकाश मजदूरी पर ताला तैयार करते हैं। उनका कहना है कि कारोबार क्षेत्र में तो काफी पहचान बना ली है। अब तो इस कारोबार को नई पीढ़ी उड़ान दे। अलीगढ़ की पहचान बनाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ताला बनाकर तैयार कर दिया है। छह इंच मोटाई का यह ताला लोहे का है। इसके लिए दो चाबी तैयार की गई हैं। चार फीट का ताले का कड़ा है। इस कला को बढ़ावा देने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है। अभी जो काम किया है। उसके लिए ब्याज में पैसे लेकर काम किया है। उन्होंने बताया कि यह ताला मंदिर के म्यूजियम रखा जाए।

दिल्ली की परेड में करना चाहते हैं शामिल


ताला बनाने वाले शर्मा ने कहा कि उनकी चाहत है कि 26 जनवरी को नई दिल्ली की परेड में वह इससे बड़े ताले की झांकी बनाना चाहते हैं। बस उनका यह हुनर दिल्ली में होने वाली परेड में शामिल कर लिया जाए। जिसकी उचांई 15 फिट और चौड़ाई 8 फिट की होगी। मोटाई 20 इंची होगी। इसके लिए उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार को पत्र भी लिखे। इस सिलसिले में वह उपमुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं। जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसे गिनीज बुक के रिकॉर्ड में दर्ज करवाना चाहते है।

सत्यप्रकाश की पत्नी रुक्मणी शर्मा ने भी इस ताले को बनाने में सहयोग किया है। उन्होंने भी इसकी खूबियों का बखान किया। उनका कहना है कि अयोध्या में भगवान राम का अद्भुत मंदिर बन रहा है। वहां पर यह ताला होगा तो अच्छा रहेगा। इसलिए इसे भगवान के दरबार में भेंट किया जाएगा।



2 लाख रुपये बताई जा रही है इसकी लागत


'आईएएनएस' की रिपोर्ट के अनुसार, कपल ने यह विशाल ताला आयोध्या में बन रहे राम मंदिर को समर्पित करने के लिए बनाया है। लगभग 2 लाख रुपये की लागत से बने इस ताले को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा, जिसपर रामदरबार की आकृति भी उकेरी गई हैं।

ताला बनाने के लिए ब्याज पर लिया पैसा


हमारे सहयोगी 'टाइम्स नाउ' की रिपोर्ट के मुताबिक, 6 इंच मोटाई का ये ताला लोहे का है। ताले का कड़ा 4 फीट का है। इसके लिए दो चाबी तैयार की गई हैं। 65 वर्षीय सत्यप्रकाश मजदूरी पर ताला तैयार करते हैं। उन्होंने कहा- इस कला को बढ़ावा देने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है। अभी जो काम किया है। उसके लिए ब्याज में पैसे लेकर काम किया है।


ताले में किए जाने हैं कई बदलाव


सत्यप्रकाश ने बताया कि अयोध्या भेजने से पहले इस ताले में कई बदलाव किए जाएंगे। जैसे बाक्स, लीवर, हुड़का को पीतल से तैयार किया जाएगा। ताले पर स्टील की स्क्रेप सीट लगाई जाएगी, जिससे उस पर जंग ना लगे। हालांकि, इसके लिए उन्हें और पैसे की आवश्यकता है, जिसके लिए वो लोगों से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं।

ताले की झांकी बनाना चाहते हैं सत्यप्रकाश


सत्यप्रकाश ने आगे कहा कि उनकी चाहत है कि 26 जनवरी को नई दिल्ली की परेड में वो इससे बड़े ताले की झांकी बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार को पत्र भी लिखे। इतना ही नहीं, इस सिलसिले में वह उपमुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं, और जवाब का इंतजार कर रहे हैं।


 तालों के लिए मशहूर अलीगढ़ के सत्यप्रकाश अपनी पत्नी रूक्मणी के साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा ताला बनाया है। 30 किलो की चाभी से खुलने वाले इस ताले को अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर को दंपति द्वारा समर्पित किया जाएगा।

दो लाख वाले इस ताले पर रामदरबार की आकृति उकेरी गयी है। अलीगढ़ ज्वालापुरी निवासी सत्यप्रकाश ने बताया कि इस ताले को बनाने में करीब 6 माह का समय लगा है।

क्या ताले की खासियत


इसे बनाने में 6 महीने का समय लगा है। इस ताले का वजन चार सौ किलो है। जिसकी लम्बाई दस फिट की है और चौड़ाई साढ़े चार फिट की है।
इस ताले को खोलने के लिए 30 किलो की चाबी है जिसे बनाने में कुल दो लाख का खर्च आया है। अभी एक लाख रुपए में तैयार किया गया है।
मंदिर में देने से पहले सत्यप्रकाश इसमें पीतल का काम करेंगे। इससे पहले इन्होंने 300 किलो का ताला बनाया था जिसकी खूब चर्चा रही है।
किए जाएंगे बदलाव

ताले को बनाने वाले सत्यप्रकाश ने बताया कि अयोध्या के लिए भेजने से पहले इस ताले में कई बदलाव किए जाएंगे। बाक्स, लीवर, हुड़का को पीतल से तैयार किया जाएगा। ताले पर स्टील की स्क्रेप सीट लगाई जाएगी। जिससे जंग न लगे। इसके लिए उन्हें और धन की अवश्यकता है। वह मदद के लिए लोगों से कह रहे हैं। जिससे उनकी इच्छा पूरी हो सके। शर्मा ने बताया कि ताला बनाने की प्रेरणा उनके घर से विरासत में मिली है।

मशहूर हैं सत्यप्रकाश


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