तृतीय स्कंध श्रीमद भागवद पुराण तीसरा अध्याय।। यादव कुल का नाश।।
तृतीय स्कंध श्रीमद भागवद पुराण तीसरा अध्याय * श्री कृष्ण द्वारा कंस वध तथा माता पिता का उद्धार।। कृष्ण लीला करते हुए श्रीकृष्ण द्वारा किये गये मुख्य चरित्र।। कृष्ण भगवान का कुल।।यादव कुल को श्राप किसने दिया और क्यू? दो०-जा विधि सो श्री कृष्ण ने, दीयो कंस पछार । सो तृतीय अध्याय में, शुक मुनि कही उचार ॥ उद्धव जी बोले-हे विदुर जी! श्री कृष्ण भगवान अपने बड़े भाई वल्देव जी सहित मथुरा पुरी में आये, वहाँ अपने पिता वसुदेव जी और माता देवको जी को बंदि से मुक्त कराने के लिये ऊँचे रंग भूमि में जाय ऊँचे मंच पर से दैत्य राज कंस को केश पकड़ कर पृथ्वी पर पटका और प्राणान्त हो जाने पर भी उसके मृतक शरीर को बहुत घसीटा। माता पिता को बंदि से मुक्त किया और उग्रसेन महाराज को सिंहासन पर बिठाया। तदनंतर सांदीपन गुरू के यहाँ साँगो पांग विद्या अध्ययन करके गुरू दक्षिणा में पंच जन नामक दैत्य को उदर फाड़ कर मारा और गुरू पुत्र को यमलोक से लाय गुरू को भेंट दिया। फिर भगवान कृष्ण ने भीष्म नृप की कन्या रुक्मिणी का हरण कर शिशुपाल आदि राजाओं का मान मर्दन किया। बिना नथे सात बैलों को एक साथ नाथ कर नग्न जित नरेश की...