श्री हरि नारायण का अस्तित्व।। देह का निरमाण।।
श्रीमद भागवद पुराण * दसवां अध्याय* [स्कंध २] (श्री शुकदेवजी द्व…
श्रीमद भागवद पुराण * दसवां अध्याय* [स्कंध २] (श्री शुकदेवजी द्व…
श्रीमद्भगवद पुराण* नवा अध्याय*[सकन्ध २] दोहा: इस नौवें अध्याय म…
परीक्षित के किन वाक्यों से प्रेरित हो कर श्रीशुकदेव जी ने श्रीमद…
श्रीमद्भागवद्पूराण [स्कन्ध २] सातवां अध्याय* (भगवान का लीला अवता…
श्रीमद भागवदपुराण छठवा अध्याय स्कंध २ (पुरुष की विभूति वर्णन) प्…
श्रीमद्भागवद्पूराण अध्याय ५ [स्कंध २] दो०- जिस प्रकार सृष्टि रची…
श्रीमद भागवद पुराण अध्याय २३ [स्कंध ५] (ज्योतिष चक्र अवस्थिति का…
श्रीमद्भागवद्पूरण अध्याय ४ [स्कंध २] (श्री शुकदेवजी का मंगला चरण…
* तीसरा अध्याय *स्कंध २ (देव पूजन के अभीष्ट फल लाभ का उपाय वर्णन…
* दूसरा अध्याय * स्कंध २ ( योगी के क्रमोत्कर्ष का विवरण) दोहा: स…
श्रीमद्भागवद पुराण महात्मय का सप्तम आध्यय [स्कंध १] …
श्रीमद्भागवद पुराण महात्मय का पंचम आध्यय [स्कंध १] दोहा-जेहि वि…
श्रीमद्भागवद पुराण महात्मय का छटवाँ आध्यय [स्कंध १] दोहा-कहयो व्…
श्रीमद्भागवद पुराण महात्मय का चतुर्थ आध्यय [स्कंध १] दोहा: जिमि…
श्रीमद्भागवद पुराण महात्मय का तीसरा आध्यय [स्कंध १] दोहा: कृत्य …