Posts

Showing posts with the label Shiv-sati samwad

क्यूँ दक्ष प्रजापति ने देवों के देव महादेव को यज्ञ में नही बुलाया।।श्रीमद भागवद पुराण तीसरा अध्याय [स्कंध ४]

Image
  श्रीमद भागवद पुराण तीसरा अध्याय [स्कंध ४] (सती का प्रजापति दक्ष के घर जाने को कहना ) दोहा-जिस प्रकार शिव से सती, वरजी बारम्बार । सौ तृतीय अध्याय में, वरणी कथा उचार ॥ श्री शुकदेव जी बोले-हे राजा परीक्षत!,--श्री मैत्रेय जी कहने लगे-हे विदुर जी! इस प्रकार द्वेष-भाव रखते हुये प्रजापति दक्ष और देवों के देव महादेव जी को बहुत समय व्यतीत हो गया। तब ब्रह्माजी ने दक्ष को सब प्रजा पतियों का स्वामी बनाकर राज्यभिषेक कर दिया। जब दक्ष सब प्रजापतियों का भी राजा हो गया तो उसे फिर अभिमान के कारण शिव से अपना बदला लेने की याद आई। जिससे उसने अपने मन में विचार कि मैंने देवताओं एवं ब्राह्मणों की सभा में यह श्राप शिव को दिया था कि, उसे यज्ञ का भाग न मिले। अतः इस कार्य का प्रारम्भ पहिले मुझे ही करना चाहिए। जिससे मेरे इस कृत्य को देख कर शिव को फिर अन्य कोई भी अपने यज्ञ में भाग नहीं देग ऐसा विचार कर प्रजापति दक्ष ने यज्ञ का निश्चय कर के सम्पूर्ण ब्राम्हण ऋषि, देवर्षि, ब्रह्म ऋषि, पितृगण, देवताओं को यज्ञ का निमंत्रण भेज कर बुलाया। तब उन सब की स्त्रियां श्रृंगार करके अपने-अपने पतियों के साथ आई। उस समय परस्पर वा