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गर्भ से पिता को टोकने वाले अष्टावक्र ।।अष्टावक्र, महान विद्वान।।

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क्या थे श्री कृष्ण के उत्तर! जब भीष्मपितामह ने राम और कृष्ण के अवतारों की तुलना की? A must read phrase from MAHABHARATA. श्री कृष्ण के वस्त्रावतार का रहस्य।। Most of the hindus are confused about which God to be worshipped. Find answer to your doubts. हम किसी भी व्यक्ति का नाम विभीषण क्यों नहीं रखते ? How do I balance between life and bhakti?    मंदिर सरकारी चंगुल से मुक्त कराने हैं? अष्टावक्र, महान विद्वान।। गर्भ से पिता को टोकने वाले अष्टावक्र  प्राकरण ग्रंथ वेदांत अध्ययन के लिए शुरुआती लोगों को पेश करने और पहले से परिचित लोगों को वेदांत ज्ञान को स्पष्ट करने के लिए शिक्षकों और गुरुओं द्वारा लिखे गए ग्रंथ हैं।  उदाहरण के लिए, आदि शंकर की विवेक चूड़ामणि, सतसलोकी, इस श्रेणी में आती है।  इसी तरह अष्टावक्र संहिता, जिसे अष्टावक्र गीता के नाम से जाना जाता है, को एक अष्टावक्र के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जो असाधारण विद्वता वाले ऋषि हैं, को प्रकरण ग्रंथ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।  यह पाठ आत्म ज्ञान या आत्म तत्व ज्ञान की एक दिलचस्प व्याख्या प्रस्तुत करता है, और मि

गणेश जी विघ्न विनाशक

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धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] Add caption गणेश जी विघ्न विनाशक व शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। अगर कोई सच्चे मन से गणोश जी की वंदना करता है, तो गौरी नंदन तुरंत प्रसन्न होकर उसे आशीर्वाद प्रदान करते हैं। वैसे भी गणेश जी जिस स्थान पर निवास करते हैं, उनकी दोनों पत्नियां ऋद्धि तथा सिद्धि भी उनके साथ रहती हैं उनके दोनों पुत्र शुभ व लाभ का आगमन भी गणेश जी के साथ ही होता है। कभी-कभी तो भक्त भगवान को असमंजस में डाल देते हैं। पूजा-पाठ व भक्ति का जो वरदान मांगते हैं, वह निराला होता है।      काफ़ी समय पहले की बात है एक गांव में एक अंधी बुढ़िया रहती थी। वह गणेश जी की परम भक्त थी। आंखों से भले ही दिखाई नहीं देता था, परंतु वह सुबह शाम गणेश जी की बंदगी में मग्न रहती। नित्य गणेश जी की प्रतिमा के आगे बैठकर उनकी स्तुति करती। भजन गाती व समाधि में लीन रहती। गणेश जी बुढ़िया की भक्ति से बड़े प्रसन्न हुए।

तुम कौन हो? आत्म जागरूकता पर एक कहानी।

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धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] *तुम कौन हो?*  आत्म जागरूकता पर एक कहानी।  अपनी एक यात्रा के दौरान, * कालिदास * को बहुत प्यास लगी और उसने पानी की तलाश की।  उसने देखा * एक औरत * एक कुँए से पानी खींच रही है।  वह उसके पास गया और उससे पानी मांगा।  वह उसे पानी देने के लिए तैयार हो गई, लेकिन उससे पूछा, * "तुम कौन हो?  अपना परिचय दो।"*  अब कालिदास ने सोचा कि एक साधारण गाँव की स्त्री यह जानने के योग्य नहीं है कि कालीदास कौन था।  तो उसने कहा, "" मैं एक यात्री हूँ। "*  लेकिन उनकी महिला ने जवाब दिया, "इस दुनिया में केवल * 2 यात्री * हैं - * सूर्य * और * चंद्रमा। * हर दिन उदय और सेट दोनों। और लगातार यात्रा करते रहें।"  तब कालिदास ने कहा, "ठीक है, फिर मैं एक अतिथि हूं।" * महिला ने तुरंत उत्तर दिया, "इस दुनिया में केवल * 2 मेहमान * हैं - * युवा * और * धनव

Sukh ka arth

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धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] •  श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] एक संत को अपना भव्य आश्रम बनाने के लिए धन की जरूरत पड़ी। वह अपने शिष्य को साथ लेकर धन जुटाने के लिए लोगों के पास गए। घूमते-घूमते वह एक गांव में अपनी शिष्या एक बुढ़िया की कुटिया में पहुंचे। कुटिया बहुत साधारण थी। वहां किसी तरह की सुविधा नहीं थी। फिर भी रात हो गई तो संत वहीं ठहर गए। बूढ़ी मां ने उनके लिए खाना बनाया। खाने के बाद संत के सोने के लिए मां ने एक तख्त पर दरी बिछा दी और तकिया दे दिया। खुद वह जमीन पर एक टाट बिछाकर सो गईं। थोड़ी ही देर में वह गहरी नींद सो गईं लेकिन संत को नींद नहीं आ रही थी। वह दरी पर सोने के आदी नहीं थे। अपने आश्रम में सदा मोटे गद्दे पर सोते थे। संत सोचने लगे कि जमीन पर टाट बिछा कर सोने के बावजूद इस को गहरी नींद आ गई और मुझे तख्त पर दरी के बिछोने पर भी नींद क्यों नहीं आई। मैं तो संत हूँ, सैंकड़ों का मार्गदर्शन करता हूं और यह एक साधारण