सरसों के तेल का सेवन अमेरिका और यूरोप में क्यों प्रतिबंधित है?

सरसों के तेल का सेवन अमेरिका और यूरोप में क्यों प्रतिबंधित है?

सरसों का तेल भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अपने तीखे स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। हालांकि, अमेरिका और यूरोप में इसका सेवन प्रतिबंधित है। आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण।

सरसों के तेल में एरूसिक एसिड की उच्च मात्रा

सरसों के तेल में एरूसिक एसिड की उच्च मात्रा होती है, जो एक प्रकार का फैटी एसिड है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के अनुसार, एरूसिक एसिड का उच्च सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यह एसिड शरीर में सही तरीके से मेटाबोलाइज नहीं होता और मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, यह कई मानसिक विकारों जैसे स्मृति हानि से भी जुड़ा हुआ है।

एरूसिक एसिड के स्वास्थ्य पर प्रभाव

  1. कार्डियोटॉक्सिसिटी: उच्च मात्रा में एरूसिक एसिड के सेवन से हृदय की मांसपेशियों में वसा का संचय हो सकता है, जिससे हृदय की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।
  2. जिगर को नुकसान: अत्यधिक एरूसिक एसिड का सेवन जिगर के आकार में वृद्धि और फैटी लिवर रोग का कारण बन सकता है।
  3. विकास में रुकावट: पशु अध्ययनों में, उच्च मात्रा में एरूसिक एसिड के सेवन से विकास में रुकावट और वजन में कमी देखी गई है।
  4. प्रजनन समस्याएं: कुछ पशु अध्ययनों में पाया गया है कि उच्च मात्रा में एरूसिक एसिड का सेवन प्रजनन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
  5. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं: एरूसिक एसिड का उच्च सेवन पेट में दर्द, दस्त और मतली जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
  6. संभावित कैंसरजन्यता: लंबे समय तक उच्च मात्रा में एरूसिक एसिड के सेवन से कैंसर का खतरा भी हो सकता है।

वर्तमान स्थिति

कई देशों में सरसों के तेल के सेवन पर प्रतिबंध के बावजूद, अनुसंधान और विकास के माध्यम से एरूसिक एसिड की मात्रा को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कनाडाई शोधकर्ताओं ने 1950 के दशक में एक कम एरूसिक एसिड वाली सरसों की किस्म विकसित की, जिसे कैनोला कहा जाता है। FDA ने एक ब्रांड के खाद्य सरसों के तेल को मंजूरी दी है, जो विशेष रूप से कम एरूसिक एसिड स्तर के लिए उगाई गई किस्म से उत्पादित होता है।

सरसों के तेल के फायदे

  1. सूजनरोधी गुण: सरसों के तेल में सेलेनियम जैसे यौगिक होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  2. सांस की समस्याओं में राहत: सरसों के तेल के भाप को सांस में लेने से कंजेशन में राहत मिल सकती है।
  3. संक्रमण से सुरक्षा: सरसों के तेल में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं।
  4. पाचन में सुधार: सरसों का तेल पाचन रस और पित्त के उत्पादन को उत्तेजित कर सकता है, जिससे पाचन और भूख में सुधार होता है।

निष्कर्ष

सरसों के तेल का सेवन अमेरिका और यूरोप में एरूसिक एसिड की उच्च मात्रा के कारण प्रतिबंधित है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। हालांकि, इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं, जो इसे भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं।

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