Astonishing and unimaginable facts about Sanatana Dharma (Hinduism)

How do I balance between life and bhakti? 

श्री कृष्ण के वस्त्रावतार का रहस्य।।

 मंदिर सरकारी चंगुल से मुक्त कराने हैं?


यज्ञशाला में जाने के सात वैज्ञानिक लाभ।। 


सनातन व सिखी में कोई भेद नहीं।


सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है !


Astonishing and unimaginable facts about Sanatana Dharma (HINDUISM)



सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ।


Why idol worship is criticized? Need to know idol worshipping.

 

ज्ञान का मार्ग, वेद का मार्ग.......यह शूरवीरों का मार्ग है। विद्वानों का मार्ग है। धीर-वीर, गम्भीरो का मार्ग है।बुजदिलों का या कायरो का नहीं।
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दुहरौनी: दुहरौनी का अर्थ अभ्यास होता है । अर्थात् बार बार दोहराना जिससे की बात याद रहे । लकीर के फ़क़ीर न बन जाए सनातन समाज ।


01.  क्रिया में धर्म अधर्म नहीं होता और न ही क्रिया में गुण दोष होता है । जैसे अपशब्द सुनना या कहना दोष और अधर्म है , पर होली के दिन वही धर्म हो जाता है तथा ससुराल में विवाह के समय अपशब्द सुनना एक पुण्य है ।

02. जुआँ खेलने में दोष है पर दीपावली के दिन उसमें दोष नहीं लगता ।

03. उच्छिष्ट वस्तु को भगवान का भोग नहीं लगाया जा सकता पर जगन्नाथ मंदिर पुरी में  ऐसा नही है ।

04. क्षमा करना सद्गुण है पर पापी रावण या तौसीफ़ को दण्ड न देना पाप है , यहाँ पर क्षमा दुर्गुण बन जाएगा ।

आपकी संपत्ति के उत्तराधिकारी कई हो सकते हैं,  
पर आपके कर्मों के उत्तराधिकारी केवल आप स्वयं ही होंगे।

ऐसी सैकड़ों बाते हैं , सनातनी , किसी भी वस्तु में समाज कल्याण को अपने से उपर रखें और विधर्मियों के उपर अनवरत प्रहार करते रहें ।

आसमानियों जैसा मत बनिए , लकीर की फ़क़ीरी तुरंत बंद करिए ।
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अफगानिस्तान की घटना से भारतीयों ने क्या सीखा ये प्रश्न है?  

सारा व्यापार घर और बैंक बैलेंस यंही रह जाता जब तक राष्ट्र मजबूत नही तब तक रिफ्यूजी की जिंदगी है  
व्यक्तिगत स्वार्थ के ऊपर है राष्ट्र !  
राजनेताओ का परिवार तो आराम से निकल जाते है  रह जाता हैं आम आदमी  
अतः देशद्रोही सोच वाले तक का सामुहिक बहिस्कार हो।






















राम मन्दिर के खिलाफ 28 वकीलों ने केस लड़ा 19 कैंसर से मरे 9 गंभीर बीमारियों से ग्रस्त राम जी की लीला!


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परीक्षा से 5 दिन पूर्व से नियमित मीठी दही का सेवन करवाएं। ऐसा करने से आपको परीक्षा में अवश्य  सफलता मिलेगी।


























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महाबलीपुरम जाइए … वहाँ महाभारत के नायकों और श्री कृष्ण लीला को चालुक्य और पल्लव साम्राज्य के शासकों ने कलाकारों से कहानियाँ उकेरी हुई हैं ….  ये सब लगभग सन 682 की बनी हुई पत्थरों को तराश के बनाई हुई कहानियाँ हैं …


वहाँ आपको अर्जुन द्वारा १२ वर्ष के कठोर तपस्या की कहानी भी है … पत्थरों पर अर्जुन की काया है जो हड्डियों का ढाँचा दिखाई देता है क्योंकि १२ वर्ष अन्न जल ग्रहण किए बिना शिव जी की तपस्या का दर्शन है … महादेव प्रसन्न होकर अर्जुन को पशुपाष्त्र अष्त्र देते हैं और विजयी होने का आशीर्वाद देते हैं …. अर्जुन के तपस्या रत रहते बाकी चार भाई और द्रौपदी 5 अलग अलग शयन कक्ष में रहते है और बारी बारी सुरक्षा करते हैं …. और भी कहानियाँ यहाँ उकेरी मिलेंगी …. ये याद आ गया …

जिस दक्षिण भारत में महाभारत युद्ध का कोई असर नहीं था उस चालुक्य और पल्लव साम्राज्य के राजा न केवल महाभारत के इन नायकों पर गर्व करते थे अपितु उन्होंने उसको संसार को बताने के लिए ऐसा काम किया कि जो आज UNESCO द्वारा घोषित world heritage है ….

कहाँ किन गर्धबों के चक्कर में पड़े हो …. गर्व करने के लिए गांधार से लेकर कटक … अहोम से लेकर श्री लंका, कोमबोडिया, Indonesia, फिजी तक हमारे महापुरुषों और सम सामयिक नायकों की कहानियाँ भरी पड़ी हैं ….

दाम्भियों और मूर्खों को बातें नहीं समझ आती …. ये स्वयं को महान चालुक्य और पल्लव राजाओं से अधिक महान मानते हैं … मानने दो … ये लोग kuरान कंठस्थ करने और महाभारत को बी आर चोपड़ा के धारावाहिक से जानने वाले लोग हैं।


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स्वामी विवेकान्द ने कहा था  जब कोई कन्वर्ट होता है तो आपकी गिनती कम नहीं होती बल्कि आपके दुश्मन की गिनती बढ़ जाती है |  
चाहे जिन्नाह हो या ये उपेन्द्र राव , ये कनवर्टेड राष्ट्र के दुश्मन ही होते है |

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कुछ ऐसा लगता है कि हिन्दू मानस माखन चुराते, बंसी बजाते, रास रचाते कृष्ण से ही सम्मोहित है.  
सुदर्शनधारी कृष्ण, योद्धा कृष्ण, राजनीतिज्ञ कृष्ण हमेशा नेपथ्य में ही रहते हैं.  
  
सुदर्शन धारी श्रीकृष्ण भारत की चेतना पर व्याप्त हों, पौरुष का संचार करें, व्यवहारिक (pragmatic) बुद्धि का वरदान दें...
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किसी वस्तु में ईश्वर नहीं होता , ईश्वर होता है आपकी बुद्धि में ।

और जब बुद्धि में ईश्वर आरूढ़ होता है तब वह शालिग्राम और नर्मदा शंकर में पत्थर नहीं देखता ।

जब बुद्धि में ईश्वर आरूढ़ होता है तो गंगा नर्मदा यमुना में नदी नहीं देखता , ईश्वर ( देवी )देखता है ।

वह ईश्वर को पीपल और बरगद में देखता है , वह स्त्री में माँ को देखता है वह पुरूष में पति को देखता है, वह गुरू में ईश्वर देखता है ।

वह गाय में पशु नहीं देवी , देखता है ।

और जब बुद्धि ईश्वराकार होने लगेगी तब सर्वत्र श्रीकृष्ण दिखने लगेंगे ।

निमित्त कारण और उपादान कारण दोनों के सर्वांग रूप साक्षात् श्री हरि , भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी आपके इसी जीवन को कल्याणकारी बनाए , ऐसी मनोभावना करता हूँ ।

और एक युद्ध हो !  
मथुरा भी मुक्त हो , शु्द्ध हो !

यज्ञशाला में जाने के सात वैज्ञानिक लाभ।। 


सनातन व सिखी में कोई भेद नहीं।


सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है !


Astonishing and unimaginable facts about Sanatana Dharma (HINDUISM)



सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ।


Why idol worship is criticized? Need to know idol worshipping.


तंत्र--एक कदम और आगे। नाभि से जुड़ा हुआ एक आत्ममुग्ध तांत्रिक।

क्या था रावण की नाभि में अमृत का रहस्य?  तंत्र- एक विज्ञान।।

जनेऊ का महत्व।।

Find the truthfulness in you, get the real you, power up yourself with divine blessings, dump all your sins...via... Shrimad Bhagwad Mahapuran🕉

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