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Showing posts from July, 2021

Do anyone know How many temples are the area associated with it are getting redeveloped across Bharat.

  सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है  ! सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ। Why idol worship is criticized? Need to know idol worshipping. तंत्र--एक कदम और आगे।  नाभि से जुड़ा हुआ एक आत्ममुग्ध तांत्रिक। क्या था रावण की नाभि में अमृत का रहस्य?  तंत्र- एक विज्ञान।। जनेऊ का महत्व।। आचार्य वात्स्यायन और शरीर विज्ञान। Do anyone know How many temples are the area associated with it are getting redeveloped across Bharat to boost cultural and religious tourism ?   I must tell you, You don’t have any idea, Let me give you one list and this list is worth more than 1 lakh crore. 1. Vaishnav Devi Redevelopment (Railway, Temple Area, Airport)   2. Kedarnath Redevlopment   3. Badrinath, Joshimath, Gangotri, Yamunatri Redevelopment- All weather Highway, New Rail connectivity and Temple Area Redevelopment   4. Haridwar Redevlopment - Riverfront, Ghats, Temple Area, Kumbh Arrangement....

सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है !

सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है  ! सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ। Why idol worship is criticized? Need to know idol worshipping. तंत्र--एक कदम और आगे।  नाभि से जुड़ा हुआ एक आत्ममुग्ध तांत्रिक। क्या था रावण की नाभि में अमृत का रहस्य?  तंत्र- एक विज्ञान।। जनेऊ का महत्व।। आचार्य वात्स्यायन और शरीर विज्ञान। सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है ! अन्न को अमृत और औषधि बताया गया ! घर में देखा था;  बड़े-बूढों को भोजन के बाद भोजन की थाली उंगलियो से साफ़ करके चाटते हुए;  उसके बाद भी क्षमा का एक श्लोक बोला जाता था ; जिसका अर्थ होता था - मेरी अंगुलियो के पोछने के बाद भी थाली में जो अन्न कणिकाएं बची रह गई हैं ,वे उन-उन कीट-पतंगों को मिलें जिनके लिए ये छूट रहीं हैं। दूध या लस्सी पीने के बाद गिलास में पानी डाल कर खंगाल कर पीने का शास्त्रीय विधान है ! मुझे याद है अभी कुछ दिनों पहले तक बनारस के ठठेरी बाज़ार में एक पंडितजी - घंसू महाराज - बड़े प्रेम से लोगों को लस्सी पिलाते थे अपनी दूकान...

EDUCATION IN INDIA

Pandavas during their 12 years of exile.   EDUCATION IN INDIA  जो आपकी रक्षा करती है उससे कुछ असुविधाये भी आपको होती ही है । भगवान द्वारा धर्म का ज्ञान।। Do anyone know How many temples are the area associated with it are getting redeveloped across Bharat  कौन कहता है दुष्टों के मरने पर हर्षित नहीं होना चाहिये ? मुग़लों के लिए, अंग्रेजों के लिए भारत ... हमेशा ही आक्रमण का सबसे पसंदीदा क्षेत्र क्यों? Bali was killed by Prabhu Shri Ram: Ram Katha  EDUCATION IN INDIA  NOTE: The content below is directly taken from internet websites; the details of which are mentioned in the references given in the end of this document; and the content is for reading purpose only. This content is not the original work and is not for publication.  The name of the books (passed from Board of Studies) meant for reference and to be read are already given  alongwith the syllabus to the students.    UNIT I  Vedic Education  The Vedas, meaning knowledge in S...

सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ।

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सनातन धर्म की पद्धति से बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ।   Pandavas during their 12 years of exile.   EDUCATION IN INDIA  Bali was killed by Prabhu Shri Ram: Ram Katha What was the secret of nectar in Ravana's navel?  Tantra - a science. Women Education in Ancient India. Satyug (Golden Age) How blindfoldedly we kept trusting western culture that led us vanished. Indian Education System..then and now: A misery A tragedy. बच्चे का 8 साल तक हृदय विकसित होता है। हृदय मतलब उसमें भावनाएं, प्रेम, करुणा, दया, स्नेह, अपनापन, निर्भयता, साहस, सहअस्तित्व, परिवार के प्रति लगाव, सम्मान, श्रद्धा, आज्ञाकारिता, ये सब भाव 8 साल से पहले हृदय में पनपते और पुष्ट होते हैं।  इसलिए वैदिक युग में 8 साल के बाद ही बच्चों को गुरुकुल भेजा जाता था।  उससे पहले भी एक बात का विशेष ध्यान रक्खा जाता था कि बच्चे का ज्यादा से ज्यादा समय दादा-दादी के पास गुजरे। क्योंकि हो सकता है कि मां बाप अभी गृहस्थी में कच्चे हों, हो सकता है बच्चे कैसे पालें जाएं उन्हें उतना अनुभव न हो,...

Bali was killed by Prabhu Shri Ram: Ram Katha

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 Bali was killed by Prabhu Shri Ram.  Till today hundreds of people have written 'Ram Katha' but no one has written that 'Angad' had any animosity towards Shri Ram Jai who killed his father or had any tendency of revenge in his mind but towards Ramji.  He had great respect in his heart.  Angad was a believer of Lord Rama and his love interest all his life.  Ramji never doubted on behalf of Angad that Angad could avenge his father's murder.  Before his death, Bali told Lord Rama that you should treat my son Angad and brother Sugriva as you treat your brothers Bharat and Lakshmana.  Think how great all these people were and how high were their ideals that for the brother who got Bali killed, Bali is saying that Ram!  You give it your brother's affection and so much faith in your killer that you are leaving your only son in his trust and on the other hand Angad does not have any animosity towards his father's killer because he knew that Rama was...

तंत्र--एक कदम और आगे। नाभि से जुड़ा हुआ एक आत्ममुग्ध तांत्रिक।तंत्रिका कोशिका।

तंत्र--एक कदम और आगे माओ (कहानी का पात्र)  माओ ने अपने जीवन संस्मरण में एक घटना लिखी, हालांकि वह दूसरे परिपेक्ष्य में इसे वर्णन करता है। जब वह छोटा था तब उसकी मां बीमार पड़ी, बड़ा बगीचा था। खूब फूल खिले थे, माओ ने कहा कि तुम चिंता न करो बगीचे को मैं संभाल लूंगा। मां को ठीक होने में महीना भर लग गया। माओ पूरा दिन बाहर बगीचे में रहता था। जब थोड़ी ताकत हुई और छड़ी के सहारे बाहर निकली तो बगीचे की हालत देखकर रो पड़ी। हर फूल सूख चुका था, हर पत्ता पीला पड़ चुका था, हर कली मुरझा चुकी थी।  मानो बगीचा न होकर कोई कब्रिस्तान हो। मरघट सा उजाड़, माओ ने कहा  ----कि मैं क्या करूँ?मैंने हर फूल को प्रेम किया,, हर पत्ते को सहलाया, फूल और पत्तों को पानी दिया प्रतिदिन, फिर भी ये कुम्हला गए, पता नहीं क्यों सूख गए! इतनी मेहनत के बावजूद!   मां हंस पड़ी। बोली कोई बात नहीं, तुझे पता नहीं था न, इसलिए ऐसा हुआ। तू पत्तों को सींचता रहा, जबकि इन फूल और पत्तों के प्राण होते हैं, जड़ो में।। उनको सींचना पड़ता है, उनको तर करना पड़ता है, तब जाकर फूल खिलते हैं, तब जाकर कोंपलें निकलती हैं। माओ ने पूछा...