मनुष्य के वर्तमान जन्म के ऊपर पिछले जन्म अथवा जन्मों के प्रभाव का दस्तावेज है।

'भृगु संहिता'

 मनुष्य के वर्तमान जन्म के ऊपर पिछले जन्म अथवा जन्मों के प्रभाव का दस्तावेज है जो 'महर्षि भृगु' और उनके पुत्र 'शुक्र' के संवाद के रूप में आगे बढ़ता है।


अगर एक बार आपको अपना 'भोजपत्र' 'भृगु दरबार' में मिल गया तो आपके जीवन के कई अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर मिल जाते हैं मगर इसके लिए आपको 'भोजपत्र' पर उभर आई बातों को बड़े ध्यान से समझना होगा।

'भृगु' और 'शुक्र' के संवाद से मुझे जो समझ में आया उसके अनुसार हमारा वर्तमान जीवन हमारे पूर्व जन्म के कर्मों का प्रतिफल है और किसी के साथ हमारा संबंध ऋण अनुबंध के नतीजे में है। जिसके साथ ये अनुबंध ज्यादा है वो आपके माता,  पिता, भाई, बहन अथवा पति या पत्नी के रूप आते हैं, मित्र के रूप में आते हैं और जिनके साथ ये अनुबंध कम है वो जीवन में आते- जाते रहते हैं।

इसलिए मैं मानता हूं कि इस जन्म में जिसके साथ मेरा जैसा भी संबंध है वो किसी न किसी पूर्व जन्म के ऋण अनुबंध के कारण है।

जिंदगी के सबसे बेहतरीन लोग मुझे सोशल मीडिया के आभासी पटल पर ही मिले। दो -चार ऐसे भी मिले जिन्होंने मुझे पसंद नहीं किया और मेरे खिलाफ़ लक्षित करते हुए पोस्ट लिखे और लिखवाए, ट्रोल करवाये, गाली दिलवाई। ऐसा नहीं कि इन सब बातों से मुझे पीड़ा नहीं पहुंची पर बाद में ये सोचकर उसे भी स्वीकार कर लिया कि किसी पिछले जन्म के मेरे बुरे व्यवहार का बदला इस रूप में लेकर उसने मेरे पाप कर्म को कम कर दिया। इसलिए उनके प्रति मेरे मन में कोई भी दुर्भावना नहीं है।

भृगु जी कहते हैं कि मनुष्य के जब पूर्व जन्मों के पाप कर्म उदित होते हैं तो उसकी बुद्धि खराब होती है। शायद इस पटल पर कुछ मित्रों को भी मुझसे तकलीफ़ पहुंची होगी तो उनसे भी अनुरोध है कि इसको भी उसी रूप में लेते हुए मित्र भाव से आगे जुड़े रहेंगे।

भृगु जी आगे कहते हैं कि आपके पिछले जन्मों में शुभ कर्म जितने अधिक होंगे उसी परिमाण में इस जन्म में आपको शुभ आत्माओं का साथ मिलता चला जायेगा।

मेरे पूर्व जन्मों में शुभ कर्म निःसंदेह बहुत अच्छे रहे होंगे तभी इस आभासी संसार में सैकड़ों की संख्या में चाहने वाले बहुत अच्छे लोग मुझे मिले।



Find the truthfulness in you, get the real you, power up yourself with divine blessings, dump all your sins...via... Shrimad Bhagwad Mahapuran🕉

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