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शीर्ष महिला भारतीय गणितज्ञ ...... लीलावती

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Read in English गणितज्ञ #लीलावती का नाम हममें से अधिकांश लोगों ने नहीं सुना है। उनके बारे में कहा जाता है कि वो पेड़ के पत्ते तक गिन लेती थी।  शायद ही कोई जानता हो कि आज यूरोप सहित विश्व के सैंकड़ो देश जिस गणित की पुस्तक से गणित को पढ़ा रहे हैं, उसकी रचयिता भारत की एक महान गणितज्ञ महर्षि भास्कराचार्य की पुत्री लीलावती है। आज गणितज्ञो को गणित के प्रचार और प्रसार के क्षेत्र में लीलावती #पुरूस्कार से सम्मानित किया जाता है।  आइए जानते हैं महान गणितज्ञ लीलावती के बारे में जिनके नाम से गणित को पहचाना जाता था।  दसवीं सदी की बात है, दक्षिण भारत में #भास्कराचार्य नामक गणित और ज्योतिष विद्या के एक बहुत बड़े पंडित थे। उनकी कन्या का नाम लीलावती था।  वही उनकी एकमात्र संतान थी। उन्होंने ज्यो‍तिष की गणना से जान लिया कि ‘वह विवाह के थोड़े दिनों के ही बाद विधवा हो जाएगी।’  उन्होंने बहुत कुछ सोचने के बाद ऐसा लग्न खोज निकाला, जिसमें विवाह होने पर कन्या विधवा न हो। विवाह की तिथि निश्चित हो गई। जलघड़ी से ही समय देखने का काम लिया जाता था।  एक बड़े कटोरे में छोटा-सा छेद कर पानी क...

Soyabean: Deteriorating life.... Deteriorating Health...

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सोयाबीन,,, एक होते हैं अन्न,,अन्न के विभाग होते हैं कुछ,,उसमें दो विभागों की बात कर ली जाए,, एक होता है दलहन जिसमें ऊपर का छिलका उतारने पर अंदर दो भागों में अन्न रहता है,, जैसे चना,, उड़द,, मसूर आदि,, एक होते हैं #तिलहन,, जैसे--तिल, सरसों,,तीरा,, सूरजमुखी आदि,,  #मूंगफली जैसे कुछ अन्न दलहन में भी आते हैं तिलहन में भी,, जैसे मोटे बीजों की मूंगफली दलहन में है वहीं छोटे छोटे बीजों वाली मूंगफली तिलहन में आती है,, अब सवाल उठता है कि सोयाबीन दलहन में है या तिलहन में??  तो सीधा सा जवाब है कि #आचार्यों ने उन्हीं अन्नों को श्रेणीबद्ध किया जो भारत भूमि में पाए जाते हैं,, बोले तो देशी,,  फिर सोयाबीन क्या है??जवाब है #बाहर का अन्न,,ठीक है भाई मान लिया बाहर का है,, ये तो बताओ दलहन है या तिलहन??  तो सीधा सा जवाब है कि #दलहन है,, यानी कोई माई का लाल सोयाबीन से एक बूंद भी तेल नहीं निकाल सकता,, फिर तेल आया कहाँ से?? #पाम आयल दो तरह का होता है बन्धु,, एक तरह का आप सब जानते ही हैं,, एक तरह का जिसको आप हम नहीं जानते लेकिन #तेल इंडस्ट्रीज वाले जानते हैं,,18-20 रुपये किलो तक विदेशों...

A lot of cuisines to eat...still Indian roti at it's best. ....साधारण रोटी की महिमा।

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A lot of cuisines to eat...still Indian roti at it's best. ....साधारण रोटी की महिमा।   भारत के विशाल क्षेत्र में भोजन के साथ रोटी खाई जाती है। कई लोग इस "साधारण" से दिखने वाले व्यंजन को चपाती या फुलका भी कहते है। चाहे गेंहू के आटे का फुलका हो, चने की मिस्सी रोटी; जवार एवं बाजरे का रोटला;  मक्के एवं मड़ुआ की चपाती; या फिर बाटी या लिट्टी। इन सभी की पाक विधि भी अत्यधिक सरल है; ताम-झाम से दूर।  बस आवश्यकतानुसार किसी भी अन्न का पिसा आटा लिया; उसे किसी बर्तन या केले के पत्ते पर पानी मिलाकर सान लिया। छोटे-छोटे गोले बनाएं। एक गोले को हथेली पर चपटाकर दोनों हथेलियों पे अल्टा-पलटा; मनचाही मोटाई एवं गोलाई वाली रोटी का आकार दिया।  फिर सीधे लकड़ी, कोयला या फिर कंडे की आग पर डाल दिया। आग पर एक-दो बार अल्टा-पलटा और रोटी-चपाती-फुलका-बाटी तैयार। आधुनिक समय में चकला-बेलन, चिमटा, तवा, गैस इत्यादि के आगमन से रोटी बनाने में कुछ उपकरण जुड़ गए है।  लेकिन अगर कोई भी उपकरण ना हो, तो केवल पानी, आटा, बड़ा पत्ता एवं आग से काम चल जाता है। आग से तुरंत निकली हुई उस रोटी पर घी-मक्खन लगाइये, या...

108 मनके की माला से ही क्यों करना चाहिए??

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108 में से 107 का वर्णन।। परसों बात की थी कि पहनने वाली माला कितने भी मनके की हो फर्क नहीं पड़ता, जपने वाली 108 मनके की ही होनी चाहिए। ये भी बताया था कि अंगूठे के टॉप भाग में आज्ञाचक्र का पॉइंट होता है जो बार बार मनके पर रगड़ने से न जाने कब व्यक्ति की प्रज्ञा जागृत हो जाए। तो प्रश्न यह है कि जप क्यों करना चाहिए?108 मनके की माला से ही क्यों करना चाहिए? इसका विधान धातु, चक्र, गृह, आदि की गणना पर आधारित है। जिसका पूर्ण वर्णन आगे दिया है। शरीर में तेरह प्रकार की #अग्नि होती हैं, सात धात्वाग्नि,पांच भूताग्नि, एक जठराग्नि जिससे भोजन पचता है पेट में।  आयुर्वेद में एक विभाग रहता है #कायचिकित्सा का, उसका अर्थ ही है अग्नि चिकित्सा। उसमें इन्हीं तरह अग्नि को बैलेंस करके रोग ठीक किया जाता है।   #आठ होते हैं चक्र। जिन्हें सामान्य भाषा में कुंडली भी कहते हैं। वेद भगवान खुद कहते हैं--अष्टचक्र नवद्वारा एते देवनाम अयोध्या पुरः-#अथर्ववेद,, पता नहीं लोक में क्यों और किस कारण से सात चक्र प्रचलित हो गए हैं?? सात होती हैं #प्रज्ञा की स्टेज, मतलब हमारे ज्ञान के सात स्तर होते हैं। ऋषि पतंजलि उसी क...

एक महत्वपूर्ण उपकरण थी नारायणी सेना।

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श्री कृष्ण के वस्त्रावतार का रहस्य।। Most of the hindus are confused about which God to be worshipped. Find answer to your doubts. हम किसी भी व्यक्ति का नाम विभीषण क्यों नहीं रखते ? How do I balance between life and bhakti?    मंदिर सरकारी चंगुल से मुक्त कराने हैं? यज्ञशाला में जाने के सात वैज्ञानिक लाभ।।  सनातन व सिखी में कोई भेद नहीं। सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है  ! Astonishing and unimaginable facts about Sanatana Dharma (HINDUISM) सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ। Why idol worship is criticized? Need to know idol worshipping. तंत्र--एक कदम और आगे।  नाभि से जुड़ा हुआ एक आत्ममुग्ध तांत्रिक। क्या था रावण की नाभि में अमृत का रहस्य?  तंत्र- एक विज्ञान।। जनेऊ का महत्व।। आचार्य वात्स्यायन और शरीर विज्ञान। #नारायणी_सेना यूँ तो कृष्ण के चरणों की धूल के कण मात्र पर भी महाकाव्यों की रचना हो सकती है परंतु फिर भी उनके कालखंड में उनके चहुं ओर व्याप्त घटनाओं, व्यक्तियों व उपकरण...

हिन्दु एकता में सोशल नेटवर्क भी सहायक।

श्री कृष्ण के वस्त्रावतार का रहस्य।। Most of the hindus are confused about which God to be worshipped. Find answer to your doubts. हम किसी भी व्यक्ति का नाम विभीषण क्यों नहीं रखते ? How do I balance between life and bhakti?    मंदिर सरकारी चंगुल से मुक्त कराने हैं? यज्ञशाला में जाने के सात वैज्ञानिक लाभ।।  सनातन व सिखी में कोई भेद नहीं। सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है  ! Astonishing and unimaginable facts about Sanatana Dharma (HINDUISM) सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ। Why idol worship is criticized? Need to know idol worshipping. तंत्र--एक कदम और आगे।  नाभि से जुड़ा हुआ एक आत्ममुग्ध तांत्रिक। क्या था रावण की नाभि में अमृत का रहस्य?  तंत्र- एक विज्ञान।। जनेऊ का महत्व।। आचार्य वात्स्यायन और शरीर विज्ञान। कई लोग सोशल मीडिया को बहुत हल्के में लेते हैं।   लेकिन मैं आपको परिणाम बताता हूं। इसे पढ़ने के लिए एक मिनट का समय दें   1: हिंदुओं की एकता से पूरा बॉली...